NOT KNOWN FACTUAL STATEMENTS ABOUT HANUMAN CHALISA

Not known Factual Statements About hanuman chalisa

Not known Factual Statements About hanuman chalisa

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The festive working day is noticed with devotees collecting at Hanuman temples in advance of dawn, and working day extended spiritual recitations and story looking at with regards to the victory of excellent in excess of evil.[eight]

In One more Hindu version of his childhood legend, which is probably going more mature and also present in Jain texts including the 8th-century Dhurtakhyana, Hanuman's leap on the Solar proves for being deadly and he is burnt to ashes within the Sunlight's warmth. His ashes slide on to the earth and oceans.[fifty one] Gods then Acquire the ashes and his bones from land and, with the assistance of fishes, re-assemble him.

भावार्थ – हे अतुलित बल के भण्डार घर रामदूत हनुमान जी! आप लोक में अंजनी पुत्र और पवनसुत के नाम से विख्यात हैं।

तुम रच्छक काहू को डर ना ॥२२॥ आपन तेज सह्मारो आपै ।

व्याख्या – सामान्यतः जब किसी से कोई कार्य सिद्ध करना हो तो उसके सुपरिचित, इष्ट अथवा पूज्य का नाम लेकर उससे मिलने पर कार्य की सिद्धि होने में देर नहीं लगती। अतः यहाँ श्री हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिये भगवान श्री राम, माता अंजनी तथा पिता more info पवनदेव का नाम लिया गया।

गोस्वामी तुलसीदास की श्री हनुमान जी से भेंट: सत्य कथा

काँधे मूँज जनेउ साजै ॥५॥ सङ्कर सुवन केसरीनन्दन ।

भावार्थ – आपकी शरण में आये हुए भक्त को सभी सुख प्राप्त हो जाते हैं। आप जिस के रक्षक हैं उसे किसी भी व्यक्ति या वस्तु का भय नहीं रहता है।

भावार्थ – जो इस (हनुमान चालीसा) का सौ बार पाठ करता है, वह सारे बन्धनों और कष्टों से छुटकारा पा जाता है और उसे महान् सुख (परमपद–लाभ) की प्राप्ति होती है।

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मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥२६॥ सब पर राम तपस्वी राजा ।

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क्या चलते-फिरते हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं?

◉ श्री हनुमंत लाल की पूजा आराधना में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और संकटमोचन अष्टक का पाठ बहुत ही प्रमुख माने जाते हैं।

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